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मैथिली साहित्य संस्थान
Maithili Sahitya Sansthan
मैथिली साहित्य संस्थान- एक परिचय
मिथिलाक संस्कृतिक धरोहर, इतिहास एवं परंपरा विषय पर अनुसंधानक लेल मैथिली साहित्य संस्थानक स्थापना वर्ष-1969मे पटनामे भेल । एहि संस्था द्वारा मैथिली भाषामे प्रथम शोध पत्रिका ‘मिथिला भारती’ क प्रकाशन कएल गेल छल। एहि पत्रिकाक कुल पाँच टा अंक 1969 स 1977 के बीच प्रकाशित भेल छल। दोसर कार्यकलापमे विद्वत् संगोष्ठी, व्याख्यान, कार्यशाला और अनुसंधान एवं प्रकाशनक कार्यसभ होइत छल। स्थापनाक समय तत्कालीन मिथिलाक इतिहासकार, साहित्यकार, पुरातत्वज्ञ, न्यायविद, पत्रकार प्रभृति अन्यान्य विद्वान लोकनि एहि सँ संबद्ध रहलाह आ अपन-अपन विद्वत योगदान सँ एकर मदति करैत रहलाह। एहिमे कुमार शुभेश्वर सिंह, जस्टिस सुशील कुमार झा, प्रो० राधाकृष्ण चौधरी, प्रो० उपेन्द्र ठाकुर, प्रो० जे.सी.झा, बाबू लक्ष्मीपति सिंह प्रभृति विद्वानक अपूर्व सहयोग एहि संस्थाकेँ भेटल मुदा एहि संस्थानक मुख्य कर्त्ता-धर्त्ता साहित्य अकादेमी पुरस्कार सँ सम्मानित स्वर्गीय पंडित राजेश्वर झाकेँ मानल जाइत छनि। स्वर्गीय झाक मृत्यूपरान्त एहि संस्थानक कार्य-कलाप शिथिल होम’ लागल। मात्र विद्यापति पर्व समारोह मनाक’ एकर कार्यकलापकेँ पूर्ण मानल जाइत छल। आब पुन: एकर कार्यकलापकेँ गति देबाक लेल विद्वत समाजकेँ सहायता अपेक्षित अछि।
मिथिला भारती शोध पत्रिका- एक परिचय
मैथिली भाषाक पहिल शोध पत्रिका ‘मिथिला भारती’ क प्रकाशन एहि संस्थान द्वारा मिथिलाक संस्कृति एवं परंपराक अनुसंधानक क्षेत्रमे एकटा निस्सन डेग छल। एहि पत्रिकाक पाँच टा अंक प्रकाशित भेल जाहिमे तत्कालीन शोधार्थी एवं विद्वान लोकनिक दुर्लभ शोध आलेख सभकेँ प्रकाशित कएल गेल जे मिथिलाक संस्कृति एवं परंपराक लेल एकटा बड्ड पैघ उपलब्धि छल। एहिमे प्रो० रमानाथ झाक मैथिलक पंजी व्यवस्था आ पंडित राजेश्वर झाक मिथिलाक्षरक उद्भव ओ विकास नामक आलेख खूब प्रसिद्धि प्राप्त केलक। ओना सर्वश्री जटाशंकर झा, हेतुकर झा, चितरंजन प्रसाद सिन्हा, परमेश्वर झा, बी.पी.मजुमदार, अमरेश पाठक, लेखनाथ मिश्र, जटाशंकर दास, दीनानाथ झा, बलदेव मिश्र, इन्द्रकान्त झा, प्रफुल्ल कुमार सिंह ‘मौन’, विजय कुमार ठाकुर, सच्चिदानन्द सहाय, जगदीश्वर पांडेय, करुणानन्द दास, राजेन्द्र राम, नरेन्द्र झा, रमाकान्त झा प्रभृत्ति विद्वानक शोधालेख बड्ड प्रसिद्ध भेल।
प्रो० (डॉ०) हेतुकर झा एवं प्रो०(डॉ०) रत्नेश्वर मिश्रक निर्देशन ओ डा० शिवकुमार मिश्र एवं भैरब लाल दासक संपादनमे 2014 ई० स मिथिला भारतीक प्रकाशन पुनः शुरू भेल। नव अंकमे मैथिली एवं अंग्रेजी भाषामे शोधालेख प्रकाशित कएल जा रहल अछि जाहि सँ एकर अध्ययन देश-विदेशक शोधार्थी क’ सकथि आ ई पत्रिका अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करए। संगहि अंतर्राष्ट्रीय भाषाक माध्यम सँ मिथिला संस्कृतिक प्रचार-प्रसार दूर-दूर तक होए। सौभाग्यक विषय अछि जे देश विदेशक विद्वान लोकनि अपन शोध आलेख स' सहयोग द' रहल छथि एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोगक शोध पत्रिकाक सूचीमे (UGC-CARE LIST) स्थान भेटि गेल अछि। अक्टूबर 2023 धरि कुल 10 गोट भाग प्रकाशित भ' गेल अछि ।
मिथिला भारती पत्रिकाक वर्तमान :
संपादक - मंडल
प्रो० डॉ० रत्नेश्वर मिश्र
प्रो० डॉ० रामावतार यादव
प्रो० डॉ० इंद्रकांत झा
डॉ० चितरंजन प्रसाद सिन्हा
डॉ० उमेश चंद्र द्विवेदी
प्रो० डॉ० जयदेव मिश्र
प्रो० डॉ० समरेंद्र नारायण आर्य
प्रो० डॉ० एम ० जे० वारसी
प्रो० डॉ० पंकज कुमार झा
डॉ० अवनींद्र कुमार झा
डॉ० जलज कुमार तिवारी
डॉ० अशोक कुमार सिन्हा
संपादक
डॉ० शिव कुमार मिश्र
श्री भैरब लाल दास
मिथिला भारतीक लेल शोधालेख आमंत्रित अछि। शोधालेख मिथिला क्षेत्र पर आधारित कोनो विषय यथा- इतिहास, संस्कृति एवं परंपरा, दर्शन, भूगोल, समाजशास्त्र, पुरातत्त्व, कला, कलाकृति, लोककला, भाषा, साहित्य, लिपि, शिक्षा प्रभृत्ति कोनो विधा पर भ’ सकैत अछि। शोधालेख मैथिली भाषामे होए त’ अत्युत्तम। ओना अंग्रेजी भाषामे शोधालेख सेहो भ’ सकैत अछि। शोधालेखक लेल संदर्भ परमावश्यक।
मैथिली साहित्य संस्थानक प्रमुख उद्देश्य :-
(क) मैथिली भाषा एवं साहित्यक सर्वांगीण विकास ।
(ख) मिथिला भारती नामक त्रैमासिक शोध साहित्यिक पत्रिकाक प्रकाशन एवं विक्रय ।
(ग) मिथिला, मैथिल एवं मैथिलीक सम्बन्धमे अनुसंधान एवं शोधकार्य ।
(घ) सांस्कृतिक, साहित्य एवं कला सम्बन्धी विषय पर अनुसंधान, अनुवाद, गोष्ठी, प्रकाशन, व्याख्यान, पुरातात्विक अन्वेषण एवं उत्खनन कार्य ।
(ङ) लोककला, हस्तकला, शिल्पकला एवं लोकभाषाक विकास ।
मुख्य कार्यकलाप
संस्थान द्वारा ७ जनवरी कऽ मैथिली दिवस मनाओल जाइत अछि। एहि दिन मैथिली भाषाकें भारतीय संविधानक अष्टम अनुसूचीमे स्थान भेटल छल। एहि सुअवसर पर विद्वत संगोष्ठी, व्याख्यान प्रभृतिक आयोजन कएल जाइछ। संस्थान द्वारा मिथिलाक सांस्कृतिक धरोहरिक संरक्षणक लेल कतेको कार्यक्रम आयोजित कएल जाइत अछि। एहि क्रममे मिथिलाक लिपि - मिथिलाक्षर ओ कैथीक संरक्षण ओ प्रचार-प्रसार लेल कतेक राष्ट्रीय ओ अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविरक आयोजन पटना ओ दरभंगामे कएल गेल अछि। तहिना भाषा ओ पुरातात्विक आ प्राकृतिक संपदाक संरक्षण ओ अन्वेषण लेल कतेक कार्यक्रम अनवरत चलाओल जा रहल अछि। पछिला किछु दिनमे एहि दिशामे चलाओल गेल जागरूकता अभियान अपूर्व रहल अछि। धरोहरिक संरक्षण लेल सब वर्गक सहयोग अपेक्षित।
मैथिली साहित्य संस्थानक पदाधिकारी गण:
अध्यक्ष - प्रो० डॉ० इंद्रकांत झा
उपाध्यक्ष - श्री राघवेन्द्र झा
कोषाध्यक्ष- डॉ० शिव कुमार मिश्र
सचिव - श्री भैरब लाल दास
संयुक्त सचिव- श्रीमती कल्पना कुमारी
मैथिली साहित्य संस्थानक कार्यकारी सदस्य
श्री सुनील कुमार कर्ण
डॉ० अशोक कुमार सिन्हा
श्री विनय कुमार झा
श्री भारत भूषण झा
श्रीमती संगीता कुमारी
तकनीकी परामर्शी : जयंत कुमार
आशा अछि जे एहि वेबसाइटक माध्यम सऽ अपने लोकनिकें विभिन्न उपयोगी संसाधन प्राप्त होयत। एहि संदर्भमे अपने लोकनिक सुझाव सादर आमंत्रित अछि।