Mithila Bharti
मिथिला भारती शोध पत्रिका- एक परिचय
मैथिली भाषाक पहिल शोध पत्रिका मिथिला भारतीक प्रकाशन एहि संस्थान द्वारा मिथिलाक संस्कृति एवं परंपराक अनुसंधानक क्षेत्रमे एकटा निस्सन डेग छल। एहि पत्रिकाक पाँच टा अंक प्रकाशित भेल जाहिमे तत्कालीन शोधार्थी एवं विद्वान लोकनिक दुर्लभ शोध आलेख सभकेँ प्रकाशित कएल गेल जे मिथिलाक संस्कृति एवं परंपराक लेल एकटा बड्ड पैघ उपलब्धि छल। एहिमे प्रो० रमानाथ झाक मैथिलक पंजी व्यवस्था आ पंडित राजेश्वर झाक मिथिलाक्षरक उद्भव ओ विकास नामक आलेख बेस प्रसिद्धि प्राप्त कयलक। ओना सर्वश्री जटाशंकर झा, हेतुकर झा, चितरंजन प्रसाद सिन्हा, परमेश्वर झा, बी.पी.मजुमदार, अमरेश पाठक, लेखनाथ मिश्र, जटाशंकर दास, दीनानाथ झा, बलदेव मिश्र, इन्द्रकान्त झा, प्रफुल्ल कुमार सिंह ‘मौन’, विजय कुमार ठाकुर, सच्चिदानन्द सहाय, जगदीश्वर पांडेय, करुणानन्द दास, राजेन्द्र राम, नरेन्द्र झा, रमाकान्त झा प्रभृत्ति विद्वानक शोधालेख बड्ड प्रसिद्ध भेल।
प्रो० (डॉ०) हेतुकर झा एवं प्रो०(डॉ०) रत्नेश्वर मिश्रक निर्देशन ओ डा० शिवकुमार मिश्र एवं भैरब लाल दासक संपादनमे 2014 ई० स मिथिला भारतीक प्रकाशन पुनः शुरू भेल। नव अंकमे मैथिली एवं अंग्रेजी भाषामे शोधालेख प्रकाशित कएल जा रहल अछि जाहि सँ एकर अध्ययन देश-विदेशक शोधार्थी क’ सकथि आ ई पत्रिका अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करए। संगहि अंतर्राष्ट्रीय भाषाक माध्यमसँ मिथिलाक संस्कृतिक प्रचार-प्रसार दूर-दूर तक होए। सौभाग्यक विषय अछि जे देश विदेशक विद्वान लोकनि अपन शोध आलेखस' सहयोग द' रहल छथि एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोगक शोध पत्रिकाक सूचीमे (UGC-CARE LIST) स्थान भे भेटि गेल अछि। अक्टूबर 2023 धरि कुल 10 गोट भाग प्रकाशित भ' गेल अछि ।
मिथिला भारती शोध पत्रिका के वर्तमान :
संपादक - मंडल
प्रो० डॉ० रत्नेश्वर मिश्र
प्रो० डॉ० रामावतार यादव
प्रो० डॉ० इंद्रकांत झा
डॉ० चितरंजन प्रसाद सिन्हा
डॉ० उमेश चंद्र द्विवेदी
प्रो० डॉ० जयदेव मिश्र
प्रो० डॉ० समरेंद्र नारायण आर्य
प्रो० डॉ० एम ० जे० वारसी
प्रो० डॉ० पंकज कुमार झा
डॉ० अवनींद्र कुमार झा
डॉ० जलज कुमार तिवारी
डॉ० अशोक कुमार सिन्हा
संपादक
डॉ० शिव कुमार मिश्र
श्री भैरब लाल दास
मिथिला भारतीक लेल शोधालेख आमंत्रित अछि। शोधालेख मिथिला क्षेत्र पर आधारित कोनो विषय यथा- इतिहास, संस्कृति एवं परंपरा, दर्शन, भूगोल, समाजशास्त्र, पुरातत्त्व, कला, कलाकृति, लोककला, भाषा, साहित्य, लिपि, शिक्षा प्रभृत्ति कोनो विधा पर भ’ सकैत अछि। शोधालेख मैथिली भाषामे होए त’ अत्युत्तम। ओना अंग्रेजी भाषामे शोधालेख सेहो भ’ सकैत अछि। शोधालेखक लेल संदर्भ परमावश्यक।